मंगल ग्रह (MARS) पर हेलीकॉप्टर हो गया था गायब, NASA ने 63 दिन बाद खोज निकाला

Automotive Gyaan
5 Min Read

इंट्रोडक्शन

एनएसए के रोवर पर्सिवीरेंस (Perseverance) ने हाल ही में मंगल ग्रह पर चार उड़ानेवाले उपकरणों को सफलतापूर्वक उतारा। इनमें से एक हेलीकॉप्टर इंगेन्यूटी (Ingenuity) था, जो इतिहास में पहली बार मंगल ग्रह पर उड़ा। इंगेन्यूटी का मिशन मंगल ग्रह (mars) की वातावरणीय परीक्षण करना था, जो इससे पहले कभी नहीं किया गया था। लेकिन बड़ी दुःखद खबर यह है कि इंगेन्यूटी को उड़ाने के बाद से उसकी संपर्क टूट गई थी और वह गायब हो गया था। इसके बावजूद, एनएसए ने 63 दिनों बाद इंगेन्यूटी को ढूंढने में सफलता हासिल की है।

मंगल ग्रह (mars) पर हेलीकॉप्टर हो गया था गायब, NASA ने 63 दिन बाद खोज निकाला

इंगेन्यूटी की उड़ान और ट्रैकर

इंगेन्यूटी को उड़ान कराने के लिए, एनएसए ने अनुभवी इंजीनियरों की टीम का सहारा लिया। इंगेन्यूटी का शरीर एक कम्पोजिट मटेरियल से बना हुआ है, जिसका वजन बहुत ही कम है ताकि यह मंगल ग्रह की मानवीय प्राणियों की तुलना में प्रकृति को कम बाधित करे। इसके अलावा, इंगेन्यूटी के ऊपर चालक पदार्थ उपयोग किए गए जो इसे आसानी से उड़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। एक बार जब इंगेन्यूटी उड़ जाता है, तो उसे स्वतः ही एक वापसी रथ के रूप में लौटने की क्षमता होती है।

इंगेन्यूटी को ढूंढने के लिए, एनएसए ने ट्रैकर के रूप में एक सांबर का उपयोग किया। यह सांबर एक प्रतिस्थानिक पदार्थ होता है जो विद्युत करंट की संकेतों के माध्यम से इंगेन्यूटी की तलाश करता है। जब इंगेन्यूटी उपयोग के दौरान अपनी संयोजनाओं को बेजोड़ देता है, तो यह अपनी अवस्था को ट्रैकर के माध्यम से वापस भेजता है। इस प्रक्रिया को स्वतः ही बार-बार दोहराने से ट्रैकर उन इंजीनियरों की सहायता करता है जो इंगेन्यूटी को ढूंढने के लिए कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

इंगेन्यूटी के यथार्थ महत्व

इंगेन्यूटी के लौटने से पहले, इसने मंगल ग्रह पर अपनी मौजूदगी से सभी विश्वासियों को चौंका दिया था। यह दिखाता है कि मानवता द्वारा तकनीकी प्रगति करना बेहद महत्वपूर्ण है और हम पृथ्वी के पार भी सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकते हैं। इससे मंगल ग्रह पर भविष्य में नए अवसर खुल सकते हैं, जैसे कि इसका उपयोग मंगल ग्रह की खोज में, वातावरणीय अध्ययनों में और नक्सलवादी उड़ानों में किया जा सकता है।

इंगेन्यूटी के लौटने से पहले, एनएसए ने एक बड़ी चुनौती का सामना किया था। NASA वैज्ञानिकों को इंगेन्यूटी को मंगल ग्रह पर उड़ाने के लिए एक उपयुक्त स्थान चुनना था, जिसमें कठिनाइयाँ और विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा था। इसमें सफलता हासिल करने के लिए, NASA वैज्ञानिकों ने अद्यतित जानकारी, नवीनतम प्रौद्योगिकी और उत्कृष्ट योजना बनाई थी। उन्होंने मंगल ग्रह के वातावरण की गहराईयों को समझने के लिए उच्च-संकल्पवाली संचार और नेविगेशन प्रणाली भी विकसित की। इस प्रक्रिया ने वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर उड़ान भरने की संभावना दिखाई और अनुभवी ज्ञानी वैज्ञानिकों के साथ नई उपलब्धियों की भी गवाही दी।

आगामी मिशन

एनएसए के सफलतापूर्वक इंगेन्यूटी मिशन के बाद, वह अब नए और उन्नत मिशनों की योजना बना रही है। इन मिशनों में मंगल ग्रह के रहस्यमयी भू-संरचनाओं का अध्ययन, मंगल ग्रह पर वातावरण के बारे में और भी अधिक जानकारी हासिल करने का प्रयास शामिल हो सकता है। इसके साथ ही, NASA वैज्ञानिकों की टीम नई उड़ानेवाले उपकरणों के विकास पर केंद्रित हो रही है, जो इंगेन्यूटी के अनुभवों और सीखों पर आधारित होंगे। यह अनुभव और ज्ञान के साथ एक प्रगतिशील और अद्वितीय संचार और नेविगेशन प्रणाली का विकास करेगा।

समाप्ति

इंगेन्यूटी ने मंगल ग्रह पर उड़ान भरने के माध्यम से हमें एक नई परियोजना का संदेश दिया है। यह सिद्ध करता है कि वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की योगदान से हम नये मील के साथ आगे बढ़ सकते हैं और अनसुलझे रहस्यों को सुलझा सकते हैं। मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर की सफलता से निरंतरता, ज्ञान, और अनुभव के नए आयामों का आगमन हुआ है। हमें गर्व है कि इंसानियत ने एक बार फिर से नये सीमाओं को छूने का समर्थन किया है और हमारे सपनों को वास्तविकता में बदलने की प्रयासरत जारी है।

You may also like to read about Apple Carplay. Click Here.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *